atma nirbhar bharat abhiyan, जिसे स्वायत्त भारत अभियान भी कहा जाता है। यह अभियान नये भारत का एक महत्वपूर्ण प्रतिबन्ध है,जो भारत को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखती है। atma nirbhar bharat abhiyan द्वार भारत के कई चेत्र में उन्नति लाने का प्रयास किया जाएगा ,जैसे की बुनियादी ढांचा, कृषि,शिक्षा, स्वास्थ्य और स्टार्ट अप को भी बढ़ावा दिया जाएगा, भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है|
atma nirbhar bharat abhiyan कब शुरू हुआ था ?
atma nirbhar bharat abhiyan, प्रधान मंत्री ने २०२० में covid-19 द्वारान कोरोना वायरस के आर्थिक प्रभाव से देश को बचाने में मदद करने के लिए शुरू किया था |
इसके पीछे का उदेश क्या है?
atma nirbhar bharat abhiyan का सबसे महत्वपूर्ण उदेश भारत को विदेशी देशो पर निर्भर होने से मुक्त करना है |यह अलगाव को बढ़ावा नहीं देता है बल्कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को समाहित करता है, जो महा उपनिषद से लिया गया है और जिसका मतलब है ‘पूरी दुनिया एक परिवार में’।
- – कोविड-19 से हानि उठाने वाले छोटे व्यापारियों और किसानों को सहायता प्रदान करना।
- – स्थानीय और क्षेत्रीय निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं को मजबूत करना।
- – विशेष प्रोत्साहन और निधियों की प्रदान करना।
- – अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को पुनः जीवित करना।
- – भारतीय जीडीपी के 10% के समतुल्य आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करना।
- – आत्मनिर्भरता पर जोर देना, जमीन, श्रम, नगदता, सुधारों, और कानूनों पर ध्यान केंद्रित करना।
atma nirbhar bharat abhiyan के स्तंभ क्या है?
आत्मनिर्भर भारत के ध्यान स्तंभ
1. अर्थव्यवस्था: यह एक क्महाक्षेप लीप का संविधान नहीं करता है, बल्कि हम वर्तमान विपरीतता को लाभ और अवसर में बदल सकते हैं।
2. बुनियादी ढांचा: यह आधुनिक भारत की छवि, नए भारत की पहचान हो सकती है।
3. प्रणालियाँ: यह पुराने नियमों की बजाय 21वीं सदी की कट्टरता के साथ चलता है।
4. लोकतंत्र: यह एक जीवंत और स्वस्थ लोकतंत्र है जो भारत को स्वावलंबी बनाने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है।
5. मांग: इसके तहत, हमारी मांग और आपूर्ति श्रृंखला की ताकत बुद्धिमत्ता से उपयोग की जाती है।
कार्यान्वयन|
आत्म निर्भर अभियान भारत उपाय के लाभ:
– निर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और एमएनआरईजीए योजना के माध्यम से।
– एसएमएसएमईजीएस और अन्य उद्योगों को क्रेडिट सुविधा प्रदान की जाएगी, इससे उत्पादन बढ़ेगा।
– देश के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को उत्थान मिलेगा।
– विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंकिंग प्रणाली में नकदी का प्रवाह होगा।
– प्रवासी श्रमिकों को सीधे नकद राशि की सुविधा मिलेगी, इससे मांग बढ़ेगी।
atma nirbhar bharat abhiyan ki चुनौतियाँ क्या है ? :
कई अर्थशास्त्रज्ञों और नेताओं ने इस बात को दर्शाया कि घोषित पैकेज के वास्तविक सरकारी व्यय केवल 1% है, क्योंकि सरकार ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के कार्यों को भी सरकारी आर्थिक पैकेज के तहत शामिल किया।
DBT (direct benefit transfer)के माध्यम से सीधे सरकारी खर्च से यह सुनिश्चित होता है कि धन लोगों तक पहुंचता है। हालांकि, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की क्रेडिट आसानी सीधी सरकारी व्यय नहीं है, और बैंक उन्हें उपलब्ध धन को उधार देने के लिए सतर्क रहेंगे।
इकोनोमिस्ट के शब्द इस योजना पर |
कई इकोनोमिस्ट यह भी मानते हैं कि सरकार का ध्यान केवल आपूर्ति (supply) पक्ष पर है और मांग (demand)पक्ष पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
राज्य सरकार, जो महामारी के मुख्य केंद्र में हैं, को उचित रूप से धनराशि की सहायता नहीं मिली है।
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मेरा नाम एज़ाज़ अहमद है | मैं wordpress वेबसाइट बनाने के साथ साथ कई सालो से ब्लॉग्गिंग के फील्ड में काम कर रहा हूँ | इस ब्लॉग में हम बहुत सारे इनफार्मेशन को आम लोगो के लिए उपलब्ध करा रहे है ताकि इससे ज्यादा से ज्यादा लोगो को फायदा पहुंचे |